कजिन भाभी की रात भर चुदाई की
Cousin Bhabhi Ki Raat Bhar Chudai Ki :
नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम नीरज है। मैं आगरा उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं 26 वर्ष का करीब 6 फिट, गेरूवे रंग का नौजवान हूँ। लेकिन मैं इलाहाबाद में वकालत की पढ़ाई के लिए अपने कजिन भाई के घर उनके साथ रहता हूँ। मेरे कजिन भाई शादीशुदा हैं और उनकी एक 5 साल की बेटी भी है। भाई जी एक सेल्स कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर हैं और भाभी एक हाउस वाइफ हैं। तो दोस्तों मैं आज आपको अपनी भाभी के साथ बितायी गई चुदाई भरी रात का सच्चा वाकया सुनाने जा रहा हूँ।
तो बात उस समय की है, जब मेरा लाॅ का पहला सेमेस्टर चल रहा था, और मैं देर रात तक पढ़ाई करता था। भईया और भाभी मेरी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे, और हर समय मेरी जरूरत और खानपान का सामान मुझे देते रहते थे। इसी क्रम में भाभी का मेरे आस पास रहना मुझे भाने लगा। भाभी बहुत ही सरल स्वभाव की थी, इस कारण जल्द ही मेरा आकर्षण उनकी ओर बढ़ने लगा। जब कभी मैं पढ़ते हुए कुर्सी पर ही सो जाता था तो वह मुझे जगाती और बेड पर सोने को कहकर चली जाती। और रोज भोर होते ही मेरे कमरे में आकर मुझे उठाया करती थी। अब मैंने भी उनके शरीर के कई हिस्सों पर अपनी आँखे गढ़ानी शुरू कर दी। और जब कभी भी मैं उनको बाथरूम से नहाकर निकलते हुए गीले बालों में और हल्के लिबास लिपटे उनके बदन को देखता तो देखता तो चाह कर भी अपने वासनाओं से भरी इच्छाओं को रोकने में असमर्थ सा हो जाता था।
समय बीतने के साथ ही साथ भाभी मेरे उनके प्रति बदलते इरादों को भाँपने लगी पर न जाने क्यों मुझसे आँखे मिलाने से कतराने लगी। लेकिन उनका छिपी निगाहों से मेरे लंबे चैड़े कठे बदन को निहारना और अनचाही कामनाओं से भरी उनकी आँखे मुझे बेचैन कर रही थी, क्योंकि मुझे उनमें कुछ अधूरेपन का अहसास दिखने लगा था। क्योंकि भईयाके ऊपर कम का दबाव ज्यादा रहता था और वे भाभी को पर्याप्त समय नहीं दे पाते थे। और इसलिए मैंने नये नये बहाने बनाकर उनसे बातें करना शुरू किया, और उनकी दबी हुई कामनाओं को कुरेदना शुरू कर दिया। और जल्द ही भाभी सेक्स से भरे अरमानों को समझने लगी। इसी बीच एक दिन मैंने देखा कि भाभी रसोई में खाना तैयार कर रही थी और भईया बाथरूम में थे। मैं बिना आहट किए रसोई में गया और पीछे से भाभी को कस कर अपनी बाहों में भर लिया और उनके गले को पीछे से चूमने लगा, अब भाभी के बदन में भी हरकत सी होने लगी। फिर मैंने अपने हाथ को भाभी के ब्लाउज में डालना शुरू किया तो भाभी ने मेरे हाथ को बीच में ही रोकते हुए झटके से मुझे अपने से अलग कर दिया, क्योंकि भईया ने बाथरूम से तौलिये के लिए बुलाया और हम दोनों ही बिना आँखें मिलाए अलग हो गये। इतना सब कुछ हो जाने पर हम एक दूसरे की भावनाओं को समझ चुके थे।
फिर भी इसके बाद भाभी ने मुझसे दूरियां बना ली। पर मैंने हार नहीं मानी और उनके पास जाने के बहानें ढूढने लगा। और कुछ दिनों बाद मुझे यह मौका मिल ही गया, क्योंकि भईया को 2 दिन के लिये मीटिंग के सिलसिले में बाहर चले गये। अब घर में मैं भाभी और उनकी बेटी थी। उस दिन भी पूरे समय भाभी मुझसे दूरी बनाये रहीं। और अब मैं भी खाना खाने के बाद चुपचाप अपने स्टडी रूम में आकर पढ़ने लगा। और करीब 10 बजे उनकी बेटी के सोने के बाद भाभी मुझे दूध देने के लिये मेरे स्टडी रूम में आयी, और जैसे ही भाभी ने दूध का गिलास मेज पर रखा, हम दोनों की आँखें एक दूसरे से टकरा गई। भाभी हल्की नीले रंग की कसावदार नाइटी पहनें थी, और मैं अपने प्रवाह को नहीं रोक सका, भाभी के पलटते ही मैंने उनका हाथ पकड़ लिया। फिर उन्होंने हाथ छुड़ाने का प्रयास किया तो मैंने तेज झटके से उनको अपनी ओर खींच लिया और बिना कुछ सोचे समझे उनके होठों को अपने होठों से चूमने लगा। भाभी ने मुझे धक्का देकर दूर करने की कोशिश की लेकिन मेरी शक्ति के आगे उनका जोर न चला। और मैंने उन्हें चूमते हुए पूरी तरह से अपनी बाहों में उठा लिया।
अब भाभी की भी वासना की आग भड़क चुकी थी, और वे भी मुझे बाहों में भरकर चूमने लगी। भाभी का साथ मिलते ही मैंने उनको बेड पर गिरा लिया। और उनके होठों, गालों और गले पर किस करने लगा। और नाइटी में उभरे उनके बूब्स को चूसने लगा और उनकी नाइटी को धीरे से ऊपर की ओर सरकाने लगा। मैंे भाभी की नरम नरम टांगों और जांघों को सहलाने लगा, और भाभी सिसकियां लेती हुई मचलने लगी। फिर मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी और साथ ही भाभी की नाइटी भी। अब भाभी के शरीर पर सिर्फ ब्रा और पैंटी थी। मैं पैंटी के ऊपर से भाभी की चूत को सहलाने और चूमने लगा, और अपने एक हाथ से भाभी के सख्त मम्मों को दबाने लगा। भाभी का गोरा बदन गजब का नशीला कर देने वाला था। और मैंने जल्द ही उनके शरीर से बचे हुए कपड़े भी हटा दिये। अब भाभी पूरी नंगी थी। मैं भाभी के होठों को कस कर चूमने लगा और उनकी चूत को फिंगर टच देने लगा। अब भाभी ने भी मदहोश होना शुरू कर दिया और एक हाथ से अपने मम्मों को दबाने लगी और एक हाथ मेरी पीठ पर फेरने लगी। और जैसे ही भाभी के चूत से पानी निकलने लगा मैं तुरंत उनकी चूत चाटने लगा। भाभी का शरीर जोर से कांपने लगा और वह मचलने लगी, और फिर वे मेरे लंबे मोटे लंड को उनकी चूत मे डालने के लिए बोली कि नीरज अब मुझसे नहीं रूका जाता, अपने लंड से मेरी चुदाई कर दो, मैं बहुत दिनों की प्यासी हूँ,
अब मुझे चोद ही डालो। मैं भी उसी समय का इंतजार कर रहा था, और बिना देर किये मैंने अपने मोटे, तने लंड को भाभी की चूत में हल्के से डाल दिया, और फिर एक ही झटके में अपना पूरा लंड भाभी चूत के अन्दर घुसा दिया। मेरे लंड के चूत में जाते ही भाभी दर्द से चीख निकल गयी और बोली कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। इसी के साथ मैंने भाभी की टांगों को फैलाकर तेज झटकों के साथ उनको चोदने लगा। और बीच बीच में उनके मम्मों को चूसने और दबाने लगा। काफी देर तक मैंने उन्हें वैसे ही चोदा फिर मैंने बाद में उनको घोड़ी स्टाइल में चोदा। और फिर झड़ने के साथ ही अपना पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया। और इस तरह मैंने भाभी को पूरी रात कई बार चोदा और भाभी ने भी भरपूर मजा लेते हुए अपनी चुदाई करवायी। और हम दोनों ने खूब मजे किये।
इस तरह दोस्तों मैंने रात भर अपनी कजिन भाभी की चुदाई की। इस कहानी को पढ़ने के लिये आपका धन्यवाद। इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें।
Comments are closed.